Friday, 7 December 2007

टेरर फंडिंग में चार फर्जी कंपनियों का पता चला

नई दिल्ली : शेयर बाजार में आतंकी फंड की अभी तक की जांच से पता चला है कि तीन-चार फर्जी कंपनियों ने पार्टिसिपेटरी नोट (पीएन) के जरिए निवेश किया। माना जा रहा है कि इन कंपनियों का संबंध आतंकी संगठनों से है। फर्जी कंपनियों के ब्यौरे और बैंक खातों का पता लगाया जा रहा है। वित्त मंत्रालय में शेयर मामला विभाग के सूत्रों के मुताबिक पीएन के जरिए आ रहे इनवेस्टमेंट की जांच में ऐसे सुराग मिले हैं, जिनसे यह संदेह होता है कि शेयर बाजार में आतंकी संगठनों ने फर्जी कंपनियों की आड़ में पैसा लगाकर करोड़ों का मुनाफा कमाया।

सूत्रों के मुताबिक शेयर बाजार में रेकॉर्डतोड़ इनवेस्टमेंट को देखते हुए फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इनवेस्टरों (एफआईआई) से सेबी ने पीएन के जरिए हो रहे इनवेस्टमेंट का ब्यौरा मांगा था। एफआईआई ने ब्यौरा देने में दिलचस्पी नहीं दिखाई, जब सख्ती की गई तो उन्होंने ब्यौरा दिया। ब्यौरे की जांच में पाया गया कि जिन कंपनियों से शेयर बाजार में इनवेस्टमेंट के लिए एफआईआई ने समझौते किए थे, उनमें से तीन-चार फर्जी हैं। यानी ये कंपनियां लिस्टेड नहीं हैं। फर्जी कंपनियां बनाकर एफआईआई को करोड़ों रुपये शेयर बाजार में इनवेस्टमेंट के लिए दिए गए। एफआईआई ने तगड़ा मुनाफा कमाया और अपना कमिशन काटकर मुनाफा सहित रकम फर्जी कंपनियों के मालिकों को दे दी।

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