Saturday, 22 December 2007

अगले महीने बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम

नए साल में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ सकते हैं। सरकार ने संकेत दिए हैं कि जनवरी के मध्य तक इनकी कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें काफी बढ़ गईं लेकिन देश में दाम नहीं बढ़े। इससे सरकारी तेल कंपनियों को काफी घाटा हो रहा है। सरकार इन्हीं कंपनियों को थोड़ी राहत देने के लिए यह कदम उठाने जा रही है।

पेट्रोलियम सचिव एम. एस श्रीनिवासन ने कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की मीटिंग के बाद डीजल-पेट्रोल की कीमतों में मामूली या ठीकठाक बढ़ोतरी के लिए तैयार रहिए। हम दाम बढ़ाने से इनकार नहीं कर रहे हैं। कीमतें तो बढ़ानी ही होंगी। श्रीनिवासन ने सीधे तौर पर तो यह नहीं बताया कि दाम कितने बढ़ेंगे, लेकिन संकेतों में कहा कि यहां पर जितने रुपये में चाय मिलती है, उतनी बढ़ोतरी हो सकती है। मतलब पेट्रोल-डीजल दो से तीन रुपये महंगा हो सकता है। कुकिंग गैस के दाम बढ़ाने के सवाल पर पेट्रोलियम सचिव ने कहा कि सरकार फिलहाल 290 रुपये में एलपीजी मुहैया करा रही है, जो उसकी वास्तविक कीमत का आधा है।

सरकार ने पिछली बार 6 जून 2006 को पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए थे। तब पेट्रोल के दाम 4 रुपये और डीजल के 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। लेकिन इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें काफी बढ़ चुकी हैं। इसकी वजह से इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और राशन की दुकानों पर केरोसिन बेचने से करीब 69 हजार 653 करोड़ रुपये का भारी-भरकम घाटा होने का अनुमान लगाया गया है।

फिलहाल कंपनियों को पेट्रोल पर प्रति लीटर 8.74 रुपये का नुकसान हो रहा है। इसी तरह, डीजल पर 9.92 रुपये प्रति लीटर, केरोसिन पर 20.53 रुपये प्रति लीटर और हर एलपीजी सिलिंडर पर 256.35 रुपये का घाटा झेलना पड़ रहा है। विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जीr की अध्यक्षता वाले ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक पहले 14 दिसंबर को होनी थी लेकिन इसे टाल दिया गया। अब इसकी बैठक जनवरी में होने जा रही है।

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