बेंगलुरु : यहां पुलिस ने शनिवार को दावा किया कि उसने साइबर हैकर गैंग के 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे ऑनलाइन बैंक अकाउंट्स की हैकिंग के 7 मामलों को सुलझा लिया गया है। इन मामलों में 7 लाख के फंड का ट्रांसफर किया गया।
पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने बताया कि मास्टरमाइंड जोजिफ को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। जोजिफ को उस साइबर कैफे से गिरफ्तार किया गया, जहां वह अक्सर आता-जाता रहता था। यह गिरफ्तारी इन्फोटेक इंडिया लिमिटेड के एचआर मैनेजर कार्ल बैगैंजा की शिकायत के बाद की गई। कार्ल ने बताया था कि कुछ हैकरों ने मुझे 1 लाख 27 हजार रुपये का चूना लगाया है।
तमिलनाडु का जोजिफ कम्प्यूटर साइंस में डिप्लोमा होल्डर है। साइबर कैफे में जाकर वह कम्प्यूटरों में 'की लॉगर' सॉफ्टवेयर इन्स्टॉल करता था। यह सॉफ्टवेयर इंटरनेट पर मुफ्त उपलब्ध है। इस सॉफ्टवेयर को जिस कम्प्यूटर में डाउनलोड कर एक्टिवेट किया जाएगा, उस कम्प्यूटर का बाद में इस्तेमाल करने वालों का डेटा सॉफ्टवेयर दर्ज कर लेगा। इस सॉफ्टवेयर के जरिये जोजिफ दोबारा साइबर कैफे जाकर बैंक अकाउंट का ब्यौरा और पासवर्ड जान जाता था और फिर लोगों के अकाउंट हैक कर लेता था। उसने अपने काम के लिए यहां 4 साइबर कैफे और मैसूर में एक कैफे चुन रखा था।
जोजिफ के ई-मेल अकाउंट्स से 100 से ज्यादा बैंक अकाउंटों के नंबर, पासवर्ड और लोगों के बारे में जानकारियां पाई गई हैं। एचडीएफसी बैंक, सिटी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने 70 अकाउंटों और पासवर्डों की पुष्टि की है। जांच से पता चला है कि इन 70 अकाउंटों में जोजिफ ने सहयोगियों की मदद से सफलतापूर्वक सेंध लगा ली थी। जोजिफ ने सहयोगियों के अकाउंट में भी फंड ट्रांसफर किया। पुलिस ने बताया कि अगस्त 2006 से अगस्त 2007 के बीच इसी तरह के 4 अन्य मामलों की शिकायत की गई थी।
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