नई दिल्ली : शेयर बाजार में आतंकी फंड के मामले में बीजेपी के अर्थशास्त्री किरीट पारिख का कहना है कि बाजार में इतने कम समय में अब तक करीब 17 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट हो चुका है। इतना इनवेस्टमेंट कभी नहीं हुआ। इतना धन एफआईआई के पास कहां से आया।
सेबी ने अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया था कि एफआईआई ने पीएन के जरिए इनवेस्टमेंट में कानूनों का उल्लंघन किया है। कानून है कि एफआईआई अपने नेटवर्थ का 40 फीसदी ही पीएन के जरिए इनवेस्टमेंट कर सकते हैं। मगर तय सीमा से ज्यादा इनवेस्टमेंट किया गया। अहम सवाल यह है कि आखिर एफआईआई को इतना धन किसने दिया। सेबी यही पता लगाने की कोशिश कर रही है।
क्या है पीएन
पार्टिसिपेटरी नोट वह निवेश समझौता है, जो एफआईआई अन्य कंपनियों के साथ करते हैं। इसके तहत कंपनियां अपना धन एफआईआई को शेयर बाजार में इनवेस्टमेंट के लिए देती हैं। एफआईआई यह धन शेयर बाजार में इनवेस्ट करके मुनाफा कमाते हैं। इसके बाद अपना कमिशन काटकर कंपनियों को मूलधन और मुनाफा देते हैं।
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