Monday 10 December, 2007

क्या इस बार भी सैंटा क्लॉज रैली अच्छा रिटर्न देगी

1991 से यह देखा गया है कि हर साल दिसम्बर महीने ने इनवेस्टर्स को अच्छा रिटर्न दिया है। इस बार भी विश्लेषक इस सीजनल पैटर्न को लेकर काफी आशान्वित हैं। आइए जानते हैं इस सैंटा क्लॉज रैली के फंडामेंटल और इस रैली में इन्वेस्टर्स के लिए आकर्षक काउंटर्स।

विश्लेषकों के अनुसार अभी बाजार को 3 फैक्टर्स प्रभावित करेंगे। पहला है सीजनल पैटर्न, जो कि 28 नवम्बर को बाजार बंद होने तक काफी स्ट्रांग दिखाई दिया। ऐसा देखा गया है कि पिछले 9 सालों में दिसम्बर से फरवरी के बीच इनवेस्टर्स को औसत एन्यूलाइज्ड रिटर्न 40 प्रतिशत के आसपास मिला। दूसरा फैक्टर है लोकल सेंटिमेंट, जो कि काफी स्ट्रॉन्ग है। तीसरा कारण है, हो सकता है आने वाले दिनों में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती हो।

यही वह संभावित खबर है जिसके कारण इमरजिंग मार्केट में तेजी का ट्रेंड दिखाई दे रहा है। तकनीकी तौर पर देखें तो मार्केट रेंज बाउंड दिखाई दे रहा है और इसमें अच्छी खासी स्विंग दिखाई दे सकती है। यही कारण है कि डाउनसाइड जाने की बजाय इसके अपसाइड जाने के चांसेज ज्यादा हैं।

सेंटर फॉर इनवेस्टमेंट एज्युकेशन एंड लरनिंग की मैनेजिंग डायरेक्टर उमा शशिकांत का मानना है कि इस पॉइंट पर यदि इनवेस्टर्स के लिए कोई चिंता का कारण है तो वह है यूएस के क्रेडिट मार्केट की खराब होती स्थिति से वहां बढ़ रहा संकट। यदि यह निरंतर जारी रहा तो इमरजिंग मार्केट इससे प्रभावित होंगे। यह 2008 की शुरुआत में महत्वपूर्ण रिस्क फैक्टर साबित हो सकता है।

लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि जब तक फ्रेश मनी मार्केट में नहीं आती तब तक इस रैली को यथावत बनाए रखना मुश्किल है। पहले जो क्विक मनी हेज फंड के माध्यम से बाजार में आ रही थी उस पर सेबी द्वारा पी-नोट इश्यू पर दिए गए निर्णय से कमी आ गई है। इसलिए जरूरी है कि एफआईआई यदि अपनी मनी यहां से निकाल रहे हैं तो उसकी जगह डोमेस्टिक पार्टिसिपेशन का अनुपात बढ़े।

वहीं स्टैंडर्ड चार्टर्ड एमएफ के राजीव आनंद का मानना है कि मार्केट दिसम्बर में डाउनवर्ड बायस दिखाई दे सकता है। वे कहते हैं कि यूएस द्वारा रेट कट किए जाने से डॉलर का प्रवाह भारत में जारी रहेगा और रुपये का एप्रिसिएशन सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद रुकना मुश्किल होगा। जाहिर है बाजार तो ऊपर चढ़ेगा पर स्थानीय लेवल पर समस्याएं भी पैदा होंगी।

अब करें मिडकैप पर फोकस

विश्लेषकों का मानना है कि अब मिडकैप पर इनवेस्टर्स फोकस करें क्योंकि मिडकैप में इंफ्रास्ट्रक्चर व इंजीनियरिंग काउंटर पर काफी अच्छी स्टोरी है तथा इस समय पावर सेक्टर में लगी इक्विपमेंट सप्लाई करने वाली मिडकैप कंपनियों में भी काफी संभावना है। बाजार विश्लेषक सुभाष उदयपुरी का मानना है कि अब इंडेक्स पर ध्यान देने की बजाय मिडकैप पर ध्यान दें। क्योंकि फ्रंटलाइन में अच्छी सेलिंग आ रही है और इसमें अब उतना एप्रिसिएशन नहीं मिल सकता। वे कहते हैं कि मिडकैप में अभी काफी वैल्यूशन बाकी है और यही कारण है कि म्यूच्युअल फंड भी मिड कैप व स्मॉल कैप में बाइंग कर रहे हैं। दिसंबर में इंडेक्स नया राइज टच कर सकता है। मि कैप में डीएलएफ, ओमेक्स, एचडीआईएल, युनिटेक, पावरग्रिड, एनटीपीसी, सेंट्रल बैंक व एमटीएनएल में काफी संभावनाएं हैं।

हायर लेवल पर रेसिस्टेंस

विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में हायर लेवल (19500) के बाद रेसिस्टेंस आ सकता है और बाजार 18500 से 19500 के बीच अप एंड डाउन हो सकता है। जानकारों का कहना है कि यह कंसोलिडेशन बाजार के लिए काफी अच्छा साबित होगा।

पॉजिटिव हो सकता है दिसम्बर मूड

यदि 11 दिसम्बर को फेड रिजर्व एक बार फिर रेट में कटौती की घोषणा करता है तो यह सूचना रैली के लिए स्पार्क का काम कर सकती है। एशियन पीयर्स भी ग्रीन सिग्नल दे रहे हैं इसलिए दिसम्बर सेंसेक्स का सेंसेशन जारी रह सकता है।

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