Thursday 20 December, 2007

हर मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की कीमत तय हो: सब-कमिटी

नई दिल्ली : टेलिकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम अलॉट किए जाने के मसले पर सरकार की ओर से गठित सब-कमिटी (उप-समिति) ने कहा है कि कंपनियों को दिए जाने वाले हर एक मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की कीमत तय की जानी चाहिए। टेलिकॉम कंपनियों से अतिरिक्त स्पेक्ट्रम की वापसी से संबंधित फैसला लेने का काम सब-कमिटी ने सरकार पर छोड़ दिया है। सब-कमिटी ने एक नोट जारी कर कहा है - कानूनी और पॉलिसी से जुड़े दूसरे मसलों पर कानूनी जानकारों को विचार किया जाना चाहिए। पर हर एक मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए कुछ कीमत ली जानी चाहिए।

मौजूदा नियमों के मुताबिक मोबाइल ऑपरेटरों को कारोबार शुरू करने के लिए दिया जाने वाला स्पेक्ट्रम (स्टार्ट-अप स्पेक्ट्रम) फ्री में दिया जाता है। सिर्फ उन्हें लाइसेंस फीस देनी पड़ती है। कंपनियां 1651 करोड़ रुपये देकर स्टार्ट-अप स्पेक्ट्रम और देश भर टेलिकॉम सेवा शुरू करने का लाइसेंस पा लेती हैं। गौरतलब है कि टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने भी कहा था कि स्पेक्ट्रम फीस को लाइसेंस फीस से अलग किया जाना चाहिए।

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