नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के डीजल पर 25 पैसे प्रति लीटर सेस लगाने का उद्योग एवं व्यापार जगत ने विरोध किया है। इंडस्ट्री ने फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि इसके दूरगामी प्रभाव होंगे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने यहां जारी बयान में कहा है कि सेस लगाने से वांछित लक्ष्य तो हासिल नहीं होगा, बल्कि पहले से ही महंगे ईंधन से प्रभावित आम आदमी की नजरों में दिल्ली सरकार की लोकप्रियता और घट जाएगी। रावत का कहना है कि डीजल प्रदूषण को कम करने के लिए सेस लगाने के बजाय सबसे असरदार तरीका यह होगा कि राष्ट्रीय राजधानी में डीजल वाहनों को चरणबद्ध ढंग से हटाया जाए। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने डीजल पर 25 पैसे प्रति लीटर का सेस लगाकर राज्य पर्यावरण कोष बनाने का फैसला किया है।
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