जोधपुर. जैसलमेर में ओएनजसी व फोकस इंडिया को गैस भंडार मिलने के संकेत के बाद सेटेलाइट से लिए गए चित्रों के आधार पर किए गए डाटाबेस अध्ययन में सीमावर्ती इलाके के तीन ब्लॉक में बड़े भंडार होने के संकेत मिले हैं। इन तीनों ब्लॉक के आबंटन को लेकर देशी -विदेशी कंपनियां काफी उत्साहित हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने नई अन्वेक्षण लाइसेंस नीति के तहत सातवें दौर के लिए पाकिस्तान सीमा से सटे ब्लॉक नंबर आर जे -ओएनएल-20005/1 में 1424 स्क्वायर मीटर ,आरजे-ओएनएल 2005/2 में 1517 स्क्वायर मीटर और आरजे-ओएनएल 2005/3 में 1217 स्क्वायर मीटर क्षेत्र के लिए कंपनियों को बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया है। इन तीनों ब्लॉक के नजदीक हाल ही फोकस इंडिया व ओएनजीसी को गैस भंडार मौजूद होने के संकेत मिले थे।
इससे इन तीन ब्लॉक को लेकर राजस्थान में पहले से काम कर रही कंपनियों के अलावा बड़ी कई कंपनियों में होड़ मच गई है। साथ ही राज्य व केंद्र सरकार के बीच चल रही खींचतान से पाइपलाइन की मंजूरी नहीं मिलने पर तेल उत्पादन में हो रहे विलंब से कई कंपनियों में संशय बरकरार है।
पांच कंपनियां कार्यरत हैं
इस क्षेत्र में ओएनजीसी व ऑयल इंडिया पांच दशक से तेल-गैस की खोज में जुटीं हैं,मगर बहुत साल पहले मिले गैस व तेल भंडार के बाद कंपनियों को खास सफलता नहीं मिल पाई थी। बाद में फोकस इंडिया,ईएनआई और केयर्न एनर्जी भी तेल-गैस की खोज में जुट गईं। लंबे अरसे बाद बीते महीने ही ओएनजीसी और बाद में फोकस इंडिया ने बड़े गैस भंडार मिलने के संकेत दिए हैं। जबकि ईएनआई और केयर्न एनर्जी अपने ब्लॉक में सिस्मिक सर्वे के बाद खुदाई की तैयारी कर रही है।
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