नई दिल्लीः किसी कंपनी का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ खरीदने से पहले निवेशकों के मन में कई तरह के सवाल उठते हैं। इनवेस्टर यह जानना चाहता है कि कंपनी का प्रोफाइल कैसा है? कंपनी के प्रमोटर यानी मालिकान कैसे हैं? या फिर कंपनी ने आईपीओ से संबंधित तमाम कानूनी औपचारिकताएं पूरी की हैं या नहीं? हालांकि कंपनियां ये तमाम जानकारियां आईपीओ के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में देती हैं। पर हो सकता है कि इन जानकारियों पर निवेशक को शंका या फिर उन्हें इन पर यकीन ही न हो। इन्हीं चीजों को देखते हुए सरकार ने एक खास तरह की सहूलियत देने का ऐलान किया है। सरकार ने सोमवार को कहा कि कोई भी निवेशक किसी कंपनी का आईपीओ खरीदने से पहले कंपनी के ट्रैक रेकॉर्ड, उसके प्रोमोटरों की जानकारी समेत अपने ज्यादातर सवालों के जवाब सीधे सरकार से ले सकते हैं। ये जानकारियां कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से मुहैया कराई जाएंगी।
गौरतलब है कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) भी इनवेस्टरों से ऐसी ताकीद कर चुके हैं। इन दोनों स्टॉक एक्सचेंजों ने हाल ही में ग्राहकों को आगाह किया था कि वे ज्यादा रिटर्न का वादा करने वाले फर्जी टिप्सों पर ध्यान न दें और किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में हर तरह की जानकारियां हासिल करें।
कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने सोमवार को लोगों के हित में एक विज्ञापन जारी किया। इसमें मंत्रालय ने कहा है कि किसी कंपनी का आईपीओ खरीदने से पहले मन में उठने वाले किसी भी तरह के सवाल का जवाब इस मंत्रालय से हासिल किया जा सकता है। या फिर निवेशकों के हित से जुड़ी जानकारियां मुहैया कराने वाली कुछ सरकारी वेबसाइटों के जरिये भी इस तरह की जानकारियां जुटाई जा सकती हैं। इन जानकारियों में कंपनी से संबंधित मास्टर डेटा, कंपनी के बोर्ड के मेंबरों की जानकारी, कंपनी का सालाना रिटर्न और बैलेंस शीट आदि शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा कि कंपनी के बारे में ठोस आकलन कायम करने के लिए निवेशक उसके पिछले 2-3 साल के वित्तीय नतीजों की तुलनात्मक स्टडी कर सकते हैं। किसी खास सेक्टर में आए बूम को देखते हुए निवेशकों को किसी नतीजे पर पहुंचने से बचना चाहिए। हो सकता है कि किसी खास सेक्टर में बूम तो आया हो, पर उस सेक्टर की किसी खास कंपनी की हालत अच्छी न हो।
मंत्रालय ने इनवेस्टरों से यह भी गुजारिश की है कि वे अलग-अलग सेक्टरों की कंपनियों के आईपीओ में निवेश करें। साथ ही निवेश से पहले यह भी देख लें कि वे किसी खास कंपनी के बिजनेस मॉडल या बिजनेस प्लान से संतुष्ट हैं या नहीं।
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