नई दिल्ली. पिछले सप्ताह विवाद में आए पार्टिसिपेटरी नोट्स (पीएन) ने तीन दिन की गिरावट में 10, 000 करोड़ रुपए खो दिए हैं, फिर भी वे मुनाफे में हैं। जिन कंपनियों में पीएन ने धन लगाया है, उनके बाजार मूल्य में तो दो लाख करोड़ रुपए की कमी आ चुकी है।
अनुमान है कि पीएन के पास करीब 300 कंपनियों के 1, 20000 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर हैं। भारतीय इक्विटी में एफआईआई के धन का करीब आधा यानी 65 अरब डॉलर पीएन के जरिए आता है। इन कंपनियों का संचयी बाजार पूंजीकरण पिछले सप्ताह की गिरावट से पहले तक 22 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा था। कंपनियों में भारती एयरटेल, रिलायंस कम्युनिकेशंस, आईसीआईसीआई बैंक, भेल, सेल, टाटा स्टील, एचडीएफसी, रिलायंस कैपिटल, कैयर्न इंडिया, सत्यम कंप्यूटर, रिलायंस एनर्जी, बजाज ऑटो और एचसीएल टेक्नोलाजीज हैं।
तीन दिन:
17 से 19 अक्टूबर के तीन दिनों में इन कंपनियों ने 2, 12000 करोड़ रुपए या करीब बाजार मूल्य का दस फीसदी खो दिया। शेयर बाजार में से 4, 02000 करोड़ रुपए निकल गए हैं। इन कंपनियों में जिन निवेशकों ने पीएन के जरिए धन लगाया है, उनकी वित्तीय संपत्ति में 9500 करोड़ रुपए की कमी आ चुकी है। अब भी ये निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। उनके निवेश का मूल्य वित्त वर्ष के आरंभ से अब तक 45, 000 करोड़ रुपए बढ़ चुका है।
पीएन की दौलत:
चालू वित्त वर्ष में पीएन के निवेश वाली कंपनियों का बाजार पूंजीकरण हालिया गिरावट से पहले तक 9 लाख करोड़ रुपए थी। भारत में करीब 1000 एफआईआई रजिस्टर हैं, इनमें से केवल 30 ही पीएन जारी करती हैं। लेकिन यही एफआईआई भारतीय बाजार में प्रमुख निवेशक हैं। इन निवेशकों ने भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भेल, एचडीएफसी, रिलायंस कैप, जेपी एसोसिएट्स, यूनाइटेड स्पिरिट्स और इंडियाबुल्स जैसी कंपनियों में तीन दिनों में 200-800 करोड़ का नुकसान उठाया है।
इनके अलावा रिलायंस कम्युनिकेशंस, सेल, एलएंडटी, कैयर्न इंडिया, रिलायंस एनर्जी, कोटक महिंद्रा, आईडीएफसी, पंजाब नेशनल बैंक और फाइनेंशियल टेक्नोलाजीज, पीएन होल्डर्स में भी 100 करोड़ रुपए का नुकसान दिख रहा है। रिलायंस कैप और एसीसी जैसे शेयरों में तो 23-25 फीसदी तक नुकसान हुआ है।
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