नई दिल्ली : दुनिया का कोई भी बैंक जल्द निर्णय लेने के मामले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का मुकाबला नहीं कर सकता। इसकी एक मिसाल यह है कि एसबीआई ने विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) के एक मामले में महज 5 मिनट में 1 अरब डॉलर का लोन सैंक्शन कर दिया। इस लिहाज से एमएंडए के मामले में एसबीआई अपने कॉम्पिटिटर बैंकों से काफी आगे है। एसबीआई के चेयरमैन ओ. पी. भट्ट ने मंगलवार को ये बातें कहीं।
भट्ट ने कहा - एसबीआई की तेजी का सानी नहीं। टाटा को कोरस खरीदने के लिए अंत में 1 अरब डॉलर की कमी पड़ रही थी। एसबीआई ने महज 5 मिनट में यह फंडिंग कर दी। दुनिया का कोई भी बैंक 5-10 मिनट के भीतर इतनी बड़ी फंडिंग नहीं कर सकता। पर हमने लगातार ऐसी मिसालें पेश की हैं।
गौरतलब है कि एसबीआई ने विदेशी अधिग्रहणों की फंडिंग पर इन दिनों अपना फोकस बढ़ा दिया है। पहली तिमाही में यह फॉरेन ऐसेट बिल्डिंग और एमएंडए के मामले में सबसे बड़ा कॉन्ट्रिब्यूटर रहा है। दूसरी तिमाही में भी इस कामयाबी को दोहराने का बैंक का इरादा है। जब भट्ट से पूछा गया कि क्या उन्हें तेजी से आगे बढ़ रहे प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई से खतरा महसूस नहीं होता, तो उन्होंने कहा - आईसीआईसीआई के बढ़ते दबदबे से हम खौफजदा नहीं हैं। आईसीआईसीआई के सीईओ के. वी. कामत पहले ही कह चुके हैं कि उनका मुकाबला एसबीआई से नहीं है।
No comments:
Post a Comment