नई दिल्ली : अनिल अंबानी समूह ने रिलायंस पावर के प्रस्तावित आईपीओ के खिलाफ चल रहे अभियान में रिलायंस इंडस्ट्रीज का हाथ बताया है। रिलायंस एनर्जी ने सेबी को दाखिल शिकायत में वी बालासुब्रrाण्यम, मनोज मोदी, ए शंकर और दीपायन मजूमदार जैसे लोगों के नाम लिए हैं। अनिल समूह को विश्वास है कि जो भी अभियान चलाया गया है, वह रिलायंस इंडस्ट्रीज के समर्थन से चला है। बल्कि रिलायंस एनर्जी का मानना है कि यह सब अनिल समूह की सफलता से जलन के कारण किया जा रहा है।
रिलायंस पावर के प्रस्तावित इश्यू में 50 फीसदी हिस्सेदारी वाली रिलायंस एनर्जी ने कहा, दुष्प्रचार से उसके शेयर का मूल्य चार दिनों में 35 फीसदी गिर गया है। रिलायंस एनर्जी ने इन आरोपों का खंडन किया है कि बिजली परियोजनाए सही अनुमति के बिना ही रिलायंस पावर को सौंप दी गई है, इससे शेयरधारकों को नुकसान हुआ है।
कलह की वजह से फोब्र्स में अंबानी बंधु अब तक दौलत की वजह से फोब्र्स में जगह बना रहे थे, अब झगड़े की वजह से उनका नाम फोब्र्स की ‘अरबपति परिवारों के झगड़ों’ की सूची में है। 2005 में रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस पावर की साझा नेटवर्थ 7 अरब डॉलर थी। फोब्र्स की मार्च 2007 की अरबपतियों की सूची मे मुकेश को 20.1 अरब डॉलर के साथ 14वां स्थान और अनिल को 18.2 अरब डॉलर के साथ 18वां स्थान मिला था।
फोब्र्स की रिपोर्ट का कहना है कि दोनों भाइयों ने 2004 में ही सार्वजनिक झगड़ा शुरू कर दिया था। जब स्थिति ज्यादा बिगड़ गई तो उनकी मां कोकिलाबेन ने शांति स्थापित करने का प्रयास किया। कभी जुदा न दिखने वाले दोनों भाइयों के बीच महीनों तक संघर्ष चला। फोब्र्स का कहना है कि अब भी दोनों के बीच झगड़ा चल रहा है।
फोब्र्स ने लिखा है कि अनिल कई मौकों पर मुकेश को अदालत में ले गए हैं। गैस आपूर्ति के मसले पर विवाद लंबा चला है। करीब चार महीनों में दोनों भाई किसी समझौते पर पहुंच सके हैं।
No comments:
Post a Comment