Monday, 8 October 2007

रिजर्व बैंक से फिक्की का आग्रह

नई दिल्ली- पिछले डेढ़ सालों में ऊँची ब्याज दरें और रुपए की मजबूती के कारण लगभग 91 फीसदी निर्यातक कंपनियों के घटते मुनाफे को फिक्की ने रिजर्व बैंक से ब्याज दरें घटाने का आग्रह किया है ताकि ऋण में अपेक्षित वृद्धि हो सके।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आगामी सालाना नीतिगत बयान को ध्यान में रखते हुए उद्योग एवं वाणिज्य संगठन (फिक्की) ने ऋण की तत्काल जरूरत वाले कुछ क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराया है।

फिक्की के इस सर्वे के मुताबिक कृषि विपणन क्षेत्र में कंपनियों द्वारा गोदामों और कोल्ड स्टोरेजों के निर्माण में निवेश के लिए कंपनियों को प्रत्यक्ष कृषि ऋण मुहैया कराए जाने की जरूरत है। इसमें कोई ऊपरी सीमा नहीं होनी चाहिए।

सर्वेक्षण के मुताबिक कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष वित्त की श्रेणी का विस्तार इस क्षेत्र के कृषि विपणन बुनियादी ढाँचा, जैव प्रौद्योगिकी शोध, और अधिक उपज वाली किस्मों के विकास के क्षेत्र में निवेश के लिए भी किया जाना चाहिए।

फिक्की का सुझाव है कि एक 'क्रेडिट ब्यूरो' बनाए जाने की जरूरत है। इस ब्यूरों में सभी ग्राहकों को एक खास पहचान दी जाए जिसमें उसकी ऋण पृष्ठभूमि के बारे में सभी जानकारी हो ताकि ऋण जोखिम प्रबंधन को कम किया जा सके।

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