नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के सीआरआर में 0.5 प्रतिशत का इजाफा करने के निर्णय के बाद भी बैंकें ब्याज दरों में वृद्धि नहीं करेंगी। देश की दो सबसे बड़ी बैंकों ने कहा है कि ने कहा कि वे इस बढ़े सीआरआर को आसानी से पचा सकते हैं। इसके लिए ब्याज दरों में वृद्धि करने की नौबत नहीं आएगी। एसबीआई के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ओपी भट्ट ने कहा कि उनकी बैंक मौजूदा दरों में कोई परिवर्तन नहीं करेगी। इसके बाद भी बैंकें अपने स्तर पर ब्याज दर बढ़ाने या फिर घटाने का निर्णय ले सकती हैं।
देश की सबसे बड़ी प्रायवेट बैंक आईसीआईसीआई के संयुक्त प्रबंधन निदेशक चड्ढा कोचर ने बताया कि इतनी सीआरआर दर में बढ़ोतरी से बैंकों के लिए धन की उपलब्धता में कोई अंतर नहीं आएगा। इससे ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए।
रिजर्व बैंक की यह पॉलिसी पिछली तीमाही के वित्तीय घटनाक्रमों पर आधारित है, जहां अतिरिक्त तरलता के कारण समस्या उत्पन्न हुई थी।
हालांकि यह खुद बैंकों को तय करना था कि वे सरप्लस 15,000 करोड़ रुपए की धनराशि कहां खर्च करनी थी।
भट्ट ने कहा कि भले ही इस समय देश में मुद्रास्फीति पूरी तरह से नियंत्रित है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बढ़ी तेल की कीमतें और घरेलू बाजार में खाद्यान्नों की कीमतें इस डगमगा सकती हैं।
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