नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को रिजर्व बैंक द्वारा सीआरआर की दर बढ़ाने का समर्थन करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य अतिरिक्त तरलता को नियंत्रित करना है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई की विकास की दर केंद्रीय बैंक की आपेक्षित दर 8.5 प्रतिशत को पार कर जाएगी।
चिदंबरम ने कहा कि रिजर्व बैंक ने अपनी इस मिड टर्म मानेटरी पॉलिसी में पिछली पालिसी की नीतियों को ही आगे बढ़ाया है। हालांकि इस बार अतिरिक्त तरलता के कारण बैंकों को हो रही समस्या को दूर करने के लिए सीआरआर की दर को 0.5 प्रतिशत बढ़ाया है।
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि बैंकें इसके वास्तविक कारण को सकारात्मक ढंग से लेंगी। केंद्रीय बैंक पहले ही कह चुकी है वैश्विक और घरेलू स्तर पर बदली परिस्थितियों के अनुसार वह शार्ट टर्म, लांग टर्म और मिड टर्म उपायों की घोषणा कर सकती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक अतिरिक्त तरलता को तत्काल सोख लेना चाहती है। उन्होंने रीयल ऐस्टेट की कीमतों पर कहा कि यहां कीमतों में हल्का इजाफा ही हुआ है। हालांकि इसके बाद भी इस क्षेत्र में मांग पर कोई असर नहीं पड़ा है।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए आर्थिक विकास की दर के 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, लेकिन वे इससे ज्यादा की उम्मीद कर रहे हैं।
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