Monday, 15 October 2007

चुनिंदा शेयरों के सहारे खींचतान जारी

प्रति सप्ताह एक हजार प्वाइंट्स की गति से बढ़ रहा सेंसेक्स अधिकांश निवेशकों को चिढ़ा रहा है, क्योंकि पिछले तीन-चार हफ्तों में सेंसेक्स एवं निफ्टी की बढ़त ने सिर्फ बड़ी कंपनियों के दीर्घावधि निवेशकों को या फिर म्यूच्युअल फंड इंवेस्टर्स को केक काटने का अवसर दिया है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान चुनिंदा शेयरों में जोरदार खरीदी समर्थन के सहारे निफ्टी 242 प्वॉइंट्स उछलकर 5428 पर बंद हुआ। व्यवसायियों का कहना है कि अगस्त के तीसरे हफ्ते में सब-प्राइम समस्या से उबरने के बाद बाजार में चौतरफा खरीदी का वातावरण बना था, किंतु फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने के बाद तेजी गिने-चुने शेयरों या सेक्टर्स तक सिमट गई तथा राजनीतिक अस्थिरता के बादल छँटते ही खरीददार और भी ज्यादा सिलेक्टिव हो गए हैं। परिणामस्वरूप बहुसंख्य शेयरों के भाव सीमित दायरे में दिशाहीन होकर घट रहे हैं। बाजार की इस चाल से अधिकांश निवेशक निराश हैं, हालाँकि विश्लेषकों का मानना है कि स्माल एवं मिड-केप शेयरों में रोटेशनल खरीदी का दौर शीघ्र ही प्रारंभ हो सकता है।

निफ्टी में आठ सप्ताह से आ रही तूफानी बढ़त व्यवसायियों, निवेशकों एवं तकनीकी विश्लेषकों के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। हालाँकि बाजार में कहीं कोई फुगावा नहीं है यानी ब्लूचिप शेयरों के भाव मजबूत फंडामेंटल या भविष्य की बेहतर संभावनाओं के आधार पर ही बढ़ रहे हैं, किंतु 6 महीने-सालभर में आने वाली बढ़त 6 हफ्ते या छः दिन में आ जाए तो आश्चर्यचकित होना स्वाभाविक है।

बड़ी कंपनियों के शेयर्स में लंबे समय से खरीदी किए बैठे निवेशकों को इस तेजी ने मालामाल कर दिया है। तीन-चार वर्षों में अपने निवेश पर कई गुना रिटर्न मिलने के बाद भी हाई नेटवर्थ इन्वेस्टर्स अभी मुनाफा वसूली नहीं कर रहे हैं। एक निवेशक का कहना है कि बाजार में तेजी-मंदी के अनेक दौर आते-जाते रहते हैं, लेकिन ग्रोथ स्टॉक्स को मजबूती से पकड़े रहने वाले निवेशक ही अंततः मोटा मुनाफा कमाते हैं।

बाजार सूत्रों का मानना है कि बिना किसी उल्लेखनीय करेक्शन के निफ्टी की खड़ी चढ़ाई से संकेत मिल रहे हैं कि कुछ बड़े खिलाड़ी निफ्टी एवं इसके कुछ प्रमुख काउंटरों पर शार्ट सेलिंग कर फँसे हुए हैं तथा सामने उतने ही वजनदार खिलाड़ी खरीदी करके बैठे हुए हैं। चूँकि माहौल खरीददारों के पक्ष में है इसलिए खींचतान में आसानी हो रही है अर्थात तेजी-मंदी के सौदे सेटल होते ही बाजार में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

कहा जा सकता है कि निफ्टी हाईजेक हो चुका है, इसलिए सुलह समझौते के बाद ही मंदड़ियों को राहत मिलेगी। बाजार में कितनी सिलेक्टिव खरीदी चल रही है, इस बात का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि पिछले दस-पंद्रह दिनों में हर दूसरे-तीसरे दिन निफ्टी एवं सेंसेक्स के नई ऊँचाइयों पर पहुँचने के चर्चे रहे, किंतु इसी अवधि में एनएसई में 65 प्रतिशत यानी 727 कंपनियों के भाव या तो पड़े रहे या घट गए हैं।

फ्यूचर शेयरों में एमआरपीएल, जयप्रकाश हाइड्रो, चंबल फर्टिलाइजर्स, ओसवाल केमिकल्स, नागार्जुना फर्टिलाइजर्स एवं आईएफसीआई सहित अन्य लोकप्रिय शेयरों के भाव हाई से 15-25 प्रतिशत नीचे आ गए हैं। अधिकांश शेयरों में रूटीन तकनीकी करेक्शन तो आया है और यह करेक्शन नई खरीदी के अवसर भी उत्पन्न कर रहा है। स्टॉक स्पेसिफिक बात करें तो वरुण शिपिंग के काउंटर पर गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। बेहतर भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए विदेशी निवेशक इस शेयर में बड़ी मात्रा में खरीदी कर चुके हैं। साथ ही प्रमोटर्स ने भी अपना स्टेक बढ़ाया है। उदार लाभांश देने वाली इस कंपनी के शेयरों में निवेशात्मक खरीदी की जा सकती है।

इलाहाबाद बैंक के भाव पिछले दो-ढाई वर्षों से दिशाहीन होकर घूम रहे हैं। कंसोलिडेशन का यह दौर अब खत्म होता लग रहा है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से इस शेयर में हॉयर-बॉटम हॉयर-टॉप फार्मेशन बन रहा है। उम्मीद है कि वर्तमान स्तर पर दीर्घावधि खरीदी करने वाले निवेशक निराश नहीं होंगे।

इनके अलावा निवेशक बैंक ऑफ राजस्थान एवं इंडस-इंड बैंक पर भी ध्यान दे सकते हैं। लंबे समय तक दोनों ही शेयर अंडरपरफार्मर रहे हैं, किंतु अब भाव उच्च स्तर पर मजबूती से टिकने लगे हैं।

बहरहाल अभी नए इश्युओं के मार्केट में खामोशी छाई हुई है। निवेशक मुंद्रा पोर्ट एवं ज्योति लेबोरेटरीज के इश्यू आने की तारीख का इंतजार कर रहे हैं। धनुष टेक्नॉलॉजीस ने अलॉटमेंट फाइनल कर दिए हैं तथा रिफंड ब्याज सहित आ रहे हैं। आज कंसोलिडेटेड कंस्ट्रक्शन के शेयर लिस्ट होंगे। इस इश्यू में संस्थागत निवेशकों की विशेष दिलचस्पी थी, इसलिए लिस्टिंग गेन अच्छा मिल सकता है।

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