बाजार नियामक (सेबी) द्वारा भागीदारी पत्र (पी-नोट) के जुड़े मानदंड सख्त करने के एक दिन बाद सरकार ने कहा कि इसके प्रभाव का आकलन करना अभी जल्दी होगी, लेकिन उन्होंने साथ ही निवेश को प्रभावित किए बिना पूँजी प्रवाह को नियंत्रित करने के कदम का समर्थन किया।
वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि मैंने कहा है कि पूँजी प्रवाह में तेजी से हो रही बढ़ोतरी से हम चिंतित हैं। निवेश को प्रभावित किए बगैर हम चाहेंगे कि पूँजी के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सके। सेबी ने कुछ कदम उठाए हैं। इनका क्या प्रभाव पड़ता है, इसे देखने के लिए हमें इंतजार करना पड़ेगा।
हालाँकि चिदंबर में इस बारे में प्रतिक्रिया जाहिर करने से इनकार कर दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक या सरकार पूँजी प्रवाह रोकने के लिए कोई कदम उठाएगी या नहीं।
शेयर बाजार में शुक्रवार को आए उछाल के बारे में पूछने पर वित्तमंत्री ने कहा हम रोजाना शेयर बाजार की स्थितियों की निगरानी नहीं कर सकते। बंबई शेयर बाजार के संवेदी सूचकांक ने आज फिर से जोरदार लिवाली के कारण 19000 का स्तर छुआ।
चिदंबरम ने कहा कि पी-नोट के बारे में सेबी की पहल का मकसद था पूँजी प्रवाह को नियंत्रित करना। सेबी ने कल नए नियमों की घोषणा की ताकि विदेशी संस्थागत निवेशकों और उनके सब अकाउंट्स को वायदा आधारित ताजा पी-नोट जारी करने से रोका जा सके और वे मौजूदा पोजीशन को अगले 18 महीनों में समेट लें।
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