Wednesday, 10 October 2007

भारत आर्थिक वृद्धि के लिए तेज करे सुधार: ओईसीडी

नई दिल्ली. विकसित देशों के क्लब आर्गेनाइजेशन फार इकोनामिक कोआपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) ने कहा है कि भारत को 2011 तक 10 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त करना है तो देश में आर्थिक सुधार कार्यक्रम तेज करने होंगे।

पेरिस स्थित इस संगठन ने पहली बार भारतीय अर्थव्यवस्था का एक सर्वेक्षण किया है। इसमें कहा गया है कि भारत में श्रम कानूनों को नरम बनाने, बीमा क्षेत्र में विदेशी भागीदारी की सीमा बढ़ाने तथा कई और बड़े कदम उठाने होंगे तभी आर्थिक वृद्धि को और तेज किया जा सकता है तथा गरीबी दूर की जा सकती है।

आज जारी इस सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सुधार कार्यक्रमों से भारतीय अर्थव्यवस्था में जो शानदार बदलाव किसी उससे नीति निर्माताओं को यह विश्वास होना ही चाहिए कि और सुधार करने से आर्थिक वृद्धि और बढ़ेगी। पिछले चार वर्ष में भारत की औसत आर्थिक वृद्धि 8.6 प्रतिशत रही है। लेकिन विदेशी निवेशको के लिए अवसर बढ़ाने तथा सरकारी उपक्रमों के निजीकरण जैसे सुधारबादी कदम रक गए हैं क्योंकि सत्तारुढ़ गठबंधन के समर्थक दल ऐसे कदमों का विरोध कर रहे हैं।

ओईसीडी का अनुमान है कि 2008 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि कम होकर आठ प्रतिशत रहेगी क्योंकि ऊंची ब्याज दरों का इस पर प्रभाव पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि 2006-07 में अर्थव्यवस्था 9.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी जबकि रिजर्व बैंक का अनुमान है कि मार्च 2008 में समाप्त होने वाले चालू वित्तीय वर्ष में वृद्धि 8.5 प्रतिशत रहेगी। आईसीडी की राय में भारत में सार्वजनिक कंपनियों के निजीकरण का कार्यक्रम फिर शुरु करने की जरुरत है। इससे उत्पादकता बढ़ेगी।

संगठन ने कहा है कि बैंकिंग, बीमा, कोयला और बिजली जैसे क्षेत्र में जहां सरकार का हिस्सा ऊंचा है निजी सरकार से लाभ होगा।

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