Friday, 19 October 2007

मित्तल, टोटल व गेल का एचपीसीएल से समझौता

नई दिल्ली: इस्पात व्यवसायी लक्ष्मी निवास मित्तल और फ्रांस की प्रमुख तेल कंपनी टोटल और गैस कंपनी गेल इंडिया ने सरकारी स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनी एचपीसीएल के साथ बृहस्पतिवार को समझौता किया।
समझौते के तहत तीनों मिलकर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में छह अरब डालर लागत वाला रिफाइनरी एवं पेट्रो रसायन कांप्लेक्स स्थापित करेंगे। यह पंच पक्षीय साझीदारी 1.5 करोड़ टन सालाना की क्षमता वाली रिफाइनरी और 10 लाख टन वाले ओलफिन एवं एरोमैटिक्स कांप्लेक्स में आयल इंडिया लिमिटेड की भी भागीदारी होगी।
एचपीसीएल अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अरुण बालकृष्णन ने बताया कि हमने रिफाइनरी एवं पेट्रो रसायन कांप्लेक्स के लिए व्यवहार्यता अध्ययन के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है। फ्रांस की टोटल रिफाइनरी परियोजना के लिए व्यवहार्यता अध्ययन के काम का नेतृत्व करेगी, जबकि गेल पेट्रो रसायन इकाई के लिए व्यवहार्यता अध्ययन का जिम्मा संभालेगी।
भारत के ऊर्जा क्षेत्र में यह मित्तल का दूसरा निवेश होगा। इससे पहले उन्होंने एचपीसीएल की भटिंडा रिफाइनरी में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की थी। बालकृष्णन ने कहा कि इक्विटी का वास्तविक स्वरूप और परियोजना की लागत व्यवहार्यता अध्ययन पूरा होने के बाद ही तय की जाएगी।
गेल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक यू डी चौबे ने कहा कि कंपनी के लिए पेट्रो रसायन का कारोबार प्राथमिकता के लिहाज से दूसरे नंबर पर आता है, जबकि गैस का नंबर पहला है। उन्होंने कहा कि हमें दक्षिण में एक बड़ी पेट्रो रसायन संयंत्र को स्थापित करने की जरूरत महसूस हुई ताकि क्षेत्रीय मांग की आपूर्ति की जा सके।

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