न्यूयार्क। शेयर बाजारों में लगातार गिरावट ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम को भी बेचैन कर दिया है। पार्टिसिपेटरी नोट्स (पीएन) पर स्थिति स्पष्ट करने के बावजूद बृहस्पतिवार को मुंबई शेयर बाजार में हुई लगभग 717 अंकों की ताजा गिरावट ने उन्हें और ठोस कदम उठाने पर विवश कर दिया। चिदंबरम ने जहां एक ओर शेयर बाजार में भारी गिरावट के लिए अफवाहों को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने विदेशी संस्थागत निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि सेबी उनकी राय जानने के बाद ही 25 अक्टूबर को पीएन पर कोई फैसला करेगी। निवेशकों में फैली घबराहट को समाप्त करने की कोशिशों के तहत ही उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा, 'सुबह के सत्र में सेंसेक्स में लगभग 500 अंकों की जोरदार बढ़त दर्ज की गई थी, लेकिन दोपहर में मुंबई के ब्रोकर सर्किल में जानबूझकर फैलाई गई अफवाहों के चलते बाजार औंधे मुंह गिर गया।' उन्होंने निवेशकों से अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री के इस्तीफे वाली अफवाह का जिक्र किया।
उन्होंने बृहस्पतिवार को यहां निवेशकों से कहा कि 'जीवंत' भारतीय बाजार में सारे अधिनियम बरकरार हैं। चिदंबरम ने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज द्वारा आयोजित निवेशकों के सालाना सम्मेलन में कहा, 'भारतीय बाजार दरअसल बेहतरीन उभरते बाजारों में से एक है। हमारे बाजार की असली ताकत अधिनियमों में है।' उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशक अपने-अपने देशों में कई कंपनियों के शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं तथा इनसे प्राप्त पैसा कहीं और लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में भारत में पूंजी के तेज प्रवाह को कुछ हद तक रोकना अब आवश्यक हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पहल के बावजूद कुछ खास फंडों को शेयर बाजार से दूर करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने पीएन पर सेबी के प्रस्ताव को सोचा-समझा कदम करार दिया।
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