मुंबई- रिजर्व बैंक ने अर्थतंत्र में मौद्रिक तरलता की लगातार वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए बैंकों का नकद सुरक्षित अनुपात (सीआरआर) आधा प्रतिशत बढ़ाते हुए इसे 7.5 प्रतिशत कर दिया।
बैंक दर, रेपो और रिवर्स रेपो दर में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। सीआरआर में आधा प्रतिशत की वृद्धि 10 नवंबर से शुरु होने वाले पखवाड़े से लागू होगी।
वर्ष 2007-08 की वार्षिक ऋण एवं मौद्रिक नीति की अर्धवार्षिक समीक्षा जारी करते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर वाईवी रेड्डी ने कहा है कि यदि कच्चे तेल के दाम और नहीं बढ़ते हैं और घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में कोई बड़ा उलटफेर यदि नहीं होता है तो जीडीपी की विकास दर 8.5 प्रतिशत पर रहने का पुर्वानुमान कायम रहेगा।
रेड्डी ने सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंकों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक में मौद्रिक नीति की अर्धवार्षिक समीक्षा पर विचार-विमर्श किया। इसमें मुद्रास्फीति को 4 से 4.5 प्रतिशत के दायरे में लाने के प्रयास करते हुए 5 प्रतिशत के दायरे में नियंत्रित रखने का जिक्र किया गया है।
बैंक ने अर्थतंत्र में नकदी प्रसार में वृद्धि को 17 से 17.5 प्रतिशत के बीच रखने का लक्ष्य तय किया हुआ है जबकि 12 अक्टूबर 2007 को इसमें 21.8 प्रतिशत वृद्धि की रफ्तार बनी हुई थी।
इस पर और अंकुश लगाने के लिए बैंक ने सीआरआर आधा प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया। केन्द्रीय बैंक के इस कदम से बैंकों की अरबों रुपए की नकदी रिजर्व बैंक के खजाने में चली जाएगी।
मौद्रिक समीक्षा में बैंक ने कहा है कि थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर अप्रैल 2006 के 6.4 प्रतिशत के मुकाबले 13 अक्टूबर 07 को घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई।
बैंकों में इस दौरान जमा राशि में वृद्धि 20 प्रतिशत के मुकाबले इस साल 25 प्रतिशत बढ़कर 5,69,061 करोड़ रुपए रही, जबकि बैंकों की वितरित कर्ज राशि इस साल कुछ धीमी पड़कर 23.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।
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