नई दिल्ली : छोटे निवेशकों को शेयर बाजार के जोखिम से बचाने के लिए आमतौर पर म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह दी जाती है। लेकिन निवेशकों की शिकायतों के निपटारे के मामले में कंपनियों के मुकाबले म्यूचुअल फंड का रेकॉर्ड बेहद खराब है।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष के तहत शुरू की गई investorhelpline.in वेबसाइट द्वारा पिछले 1 साल के दौरान मिली निवेशकों की शिकायतों और उनके निपटारे पर जारी ताजा रिपोर्ट में यह नतीजा सामने आया है।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले 1 साल में वेबसाइट को मिली शिकायतों में लिस्टेड कंपनियों ने 40 फीसदी शिकायतों का निपटान किया, जबकि म्यूचुअल फंड ने सिर्फ 5 फीसदी शिकायतों का ही जवाब दिया।
वेबसाइट के निदेशक डी. के. जैन के मुताबिक यह रेग्युलेशन की कमजोरियों का नतीजा लगता है कि म्यूचुअल फंड शिकायतों को उतनी गंभीरता से नहीं लेते हैं, जितना सूचीबद्ध कंपनियां ध्यान देती हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों पर सेबी, शेयर बाजार और कंपनी मामले विभाग तीनों का शिकंजा है, जबकि म्यूचुअल फंड पर ऐसा कड़ा शिकंजा नहीं है।
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